समाचार वाचकः भारत में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच इसके एक नए वैरिएंट ने लोगों की टेंशन बढ़ा दी है। असल में सर्दी के मौसम में बढ़ रहे कोरोना केस के बीच कोविड की नई लहर आने का अंदेशा जताया जा रहा है। हालांकि स्वास्थ्य से जुड़े जानकारों का मानना है कि फिलहाल इसे नई लहर कहना जल्दबाजी होगी। उधर WHO भी नए वैरिएंट को लेकर गंभीर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एडवाइजरी जारी कर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कहा है।
कोरोना का नया वैरिएंट JN.1 ने दुनिया में दहशत फैला दी है. अब तक अमेरिका, सिंगापुर यूरोप समेत 38 देशों में यह पांव पसार चुका है. भारत में भी केरल में एक महिला के इस वैरिएंट से संक्रमित होने की बात सामने आई है. JN.1 वैरिएंट ऑमीक्रोन वैरिएंट का वंशज है. यह इस साल सबसे पहले सितंबर माह में अमेरिका में मिला था. जीनोम सीक्वेंसिंग में इसे BA2.86 वैरिएंट का सब वैरिएंट बताया गया था जो खतरनाक माना जाता है. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के मुताबिक यह अपने पिछले वैरिएंट से काफी अलग है जो तेजी से संक्रमित करता है.
दुनिया में अमेरिका, सिंगापुर के अलावा स्पेन, पुर्तगाल और नीदरलैंड जैसे देशों में इस वैरिएंट की वजह से कारोना तेजी से पैर पसार रहा है. खासकर सिंगापुर में प्रतिदिन 250 से 300 केस सामने आ रहे हैं, यहां पिछले एक सप्ताह में ही 56 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इसी तरह भारत में भी प्रतिदिन कोरोना के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है. यहां सोमवार को कोरोना के कुल 260 के सामने आए.
संक्रमण में तेज है JN. 1
कोविड का नया वैरिएंट JN.1 तेजी से फैल सकता है, यह प्रतिरक्षा रोधी वायरस है जो पुराने वायरस का अपडेटेड वर्जन है, इसीलिए ये उन लोगों को भी संक्रमित बना सकता है जो वैक्सीन ले चुके हैं. ANI की एक रिपोर्ट में नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएटशन कोविड टास्क फोर्स के सह अध्यक्ष राजीव जयदेवन के मुताबिक लिखा गया है कि कोरोना का यह स्ट्रेन XBB और इस वायरस के अन्य सभी वैरिएंट से अलग है, यह टीका लगे लोगों को भी संक्रमित बना सकता है. खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने भी इसकी पुष्टि की है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कहा गया है कि JN.1 वैरिएंट BA 2.86 का सब-वैरिएंट है. इस वायरस में म्यूटेशन हुआ है.
अमेरिका और सिंगापुर सबसे ज्यादा प्रभावित
कोरोना के इस नए सब वैरिएंट JN.1 से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में अमेरिका और सिंगापुर हैं. अमेरिका में 25 प्रतिशत से ज्यादा कोरोना के मामलों के लिए इसी सब वैरिएंट को जिम्मेदार बताया जा रहा है. वहीं सिंगापुर में एक सप्ताह में ही 56 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इसे देखते हुए सिंगापुर ने बाहर से आने वाले लोगों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया है. इसके अलावा लोगों को भीड़ भाड़ वाले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है, साथ ही कोविड प्रोटोकॉल पालन करने के लिए भी कहा जा रहा है.