समाचार वाचकः हिट एंड रन कानून मामले में वाहन चालकों के देश व्यापी हड़ताल का असर छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिल रहा है। हड़ताल के कारण खाद्य पदार्थों की आपूर्ती समेत सब्जी की आवक कम होने से इनके दाम आसमान छूने लगे हैं। वहीं पेट्रोल की सप्लाई पर भी इस हड़ताल का खासा असर पड़ा है। केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून पर देशभर में बवाल खड़ा हो गया है। हाल ही में कानून में किए गए संशोधन का देशभर में चक्काजाम कर विरोध हो रहा है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत कई प्रदेशों में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के चलते हाहाकार मचा हुआ है। पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। इस बीच, ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने मंगलवार को दिल्ली में बैठक बुलाने का निर्णय लिया है जिसमें हड़ताल के बारे में फैसला लिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बुलाई अधिकारियों की बैठक
इधर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए मुख्य सचिव, डीजीपी एवं सभी कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर, एसपी समेत अन्य अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें उन्होंने आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति बनाये रखने निर्देश दिए साथ ही ट्रक चालकों की देशव्यापी हड़ताल को देखते हुए आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में रहे इस बात का ख्याल रखें। इसमें चूक होने की स्थिति में सीधे कलेक्टर-एसपी की ज़िम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस कानून को लेकर लोगों में भ्रामक जानकारी न फैलने पाए, जनता तक सही जानकारी पहुँचे, अफ़वाह फैलाने वाले तत्वों पर हो कार्यवाही।
वाहन चालकों की शासन की मांग
- चालकों का कहना है कि, उन्हें एक अकुशल श्रमिक से भी कम मजदूरी मिल रही है, शासन वाहन चालक का वेतन निर्धारित करें.
- चालकों के बीमे की व्यवस्था की जाएं.
- दुर्घटना में मौत हो जाने पर शासन की ओर से अनुग्रह राशि दी जाएं.
- मौत हो जाती है तो शासकीय अनुग्रह राशि.
- हाईवे में वाहन चालकों के लिए शासकीय रेस्ट रूम की व्यवस्था हो.
- वाहन मालिक आठ घंटे से ज्यादा ड्यूटी न ले इसका नियम बनाया जाएं.
- रास्ते में डीजल चोरी होने पर वाहन चालकों के मालिक उनकी तनख्वाह काट देते है, इसे रोकने की व्यवस्था की जाएं.
वाहन चालकों का कहना है कि, हम गरीब लोग है यदि यह कानून पास होता है तो इसका सीधा असर हमारे परिवार पर पड़ेगा. शासन हमारी मांगों को पूरी करें और हमारे परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उचित व्यवस्था करें. बहरहाल अब देखना यह होगा कि वाहन चालकों की हड़ताल का सरकार के फैसले पर क्या असर होता है. फिलहाल दो दिनों की हड़ताल का असर जनमानस पर दिखने लगा है, अगर आगे भी यही स्थित रही तो जनता को पेट्रोल-डीजल की कमीं के साथ-साथ भारी महंगाई का भी सामना करना पड़ेगा.