आज भले ही हेमा मालिनी को सब लोग ‘ड्रीम गर्ल’ के नाम से जानते हैं, लेकिन उनकी जिंदगी का एक बहुत बुरा वक्त भी था। क्योंकि उस वक्त उन्हें उनके दुबलेपन की वजह से फिल्मों से रिजेक्ट कर दिया गया था। हेमा मालिनी बॉलीवुड की एकमात्र एवरग्रीन अभिनेत्री है, उन्होंने बॉलीवुड और तमिल की 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। लेकिन जब वो शुरुआती दौर में थी तो उन्हें उनके दुबलेपन की वजह से काफी मुसीबतों का सामना करना था। डायरेक्टर ने तो हेमा जी को यह तक कह दिया था कि वो स्टार बन ही नहीं सकती। लेकिन फिर भी हेमा मालिनी ने हार नहीं मानी और मेहनत करती रही। उन्हें पहली सफलता फिल्म ‘जॉनी मेरा नाम’ से मिली, जिसमें उनके साथ देवानंद लीड रोल में थे। इस फिल्म में हेमा और देवानंद की जोड़ी को लोगों ने खूब पसंद किया और फिल्म सुपरहिट रही।
हेमा मालिनी को स्टार बनाने में निर्माता, निर्देशक रमेश सिप्पी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। साल 1975 में हेमा मालिनी ने अपने करियर की एक ऐसी फिल्म में काम किया था, जिसमें उनका किरदार लोगों के दिल में बस गया था। उस फिल्म का नाम था ‘शोले’, जिसने सफलता के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए थे।