Madhyapradesh: जनता की शिकायत को सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का माध्यम ‘सीएम हेल्पलाइन’ अब अफसरों के लिए खतरे की घंटी बन रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि अफसर जनता की शिकायतों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 28 अक्टूबर को सीएम हेल्पलाइन में आई शिकायतों की समीक्षा करने वाले हैं।
इन विभागों में सबसे ज्यादा शिकायतें
आपको बता दें कि सबसे अधिक शिकायत महिला एवं बाल विकास विभाग की है। पीएम मातृ वंदना योजना की 64 हजार 600, स्वास्थ्य विभाग की जननी सुरक्षा, श्रमिक प्रसूति सहायता योजना में राशि प्राप्त न होने की 60 हजार 406 शिकायतें पेंडिंग हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में पीएम ग्रामीण आवास योजना में राशि प्रदाय न करने की 15 हजार 870 शिकायतें निराकरण के लिए रास्ता देख रही हैं। गृह विभाग में विवेचना में विलंब व लापरवाही करना, समय से प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत नहीं करना, किसी पक्ष से मिलकर दबाव में सही कार्रवाई न करने की 13 हजार 345 शिकायतें पेंडिंग हैं। श्रम विभाग के तहत असंगठित शहरी, ग्रामीण कर्मकार मंडल की संबल योजना में लाभ न मिलने की 12 हजार 626 शिकायतें सीएम हेल्पलाइन में की गई हैं। वहीं, राजस्व विभाग की नामांतरण एवं बंटवारा संबंधी मामले निराकृत न होने संबंधी 12 हजार 43 शिकायतें की गई हैं।
ऊर्जा विभाग में बिजली न आने, वोल्टेज की समस्या से संबंधित 10 हजार 976 शिकायतें हैं। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति न प्राप्त होने, छात्रावासों में आवास, भोजन, सफाई आदि की सुविधा न होने, प्रवेश न मिलने, अतिक्रमण संबंधी आठ हजार 471 शिकायतें पेंडिंग हैं।