23.9 C
New York
Saturday, June 7, 2025

Buy now

spot_img

रावत नाच महोत्सव: यदुवंशी देर रात तक थिरके, किया अद्भुत शौर्य प्रदर्शन

पामगढ़ – नगर में 18 साल बाद रौताही बाजार एवम रावत नाच महोत्सव सोमवार को मिनी स्टेडियम परिसर में प्रारंभ हुआ। देर रात तक यदुवंशी तुलसी, कबीर और सूरदास के दोहों में थिरकते रहे। महोत्सव में छोटे बच्चे भी आकर्षक पारंपरिक वेशभूषा में सजे धजे नजर आए। भगवाल श्री कृष्ण की तस्वीरों के साथ जमकर थिरके। इस अवसर पर मेले का भी आयोजन हुआ, नगर में पहली बार मेला लगने का उत्साह और उमंग नगरवासियों में देखा जा रहा था।

रावत नाच महोत्सव में सोमवार को नर्तक दल सभी को आकर्षित कर रहे थे। वे जिस जगह से गुजरते, लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच रहे थे। सोमवार को हर एक राउत के सिर पर पागा, उसमें लगी मोर पंख की कलगी और फूलों का गजरा, चेहरे पर वृंदावन की मिट्टी का श्रृंगार, आंखों में काजल, दोनों गालों में और ठोढ़ी पर काली बिंदिया, भौंहों के बीच माथे पर चंदन का टीका, बदन में सलूखा व बास्किट, सीने में कौड़ियों की एक पेटी, दोनों बांहों में बंहकर, कमर में जलाजल, पैरों में चोलना, एक हाथ में तेंदू की लाठी और दूसरे हाथ में फरी, दोनों टो पैरों में घुंघरू और उससे निकलता रुनझुन का संगीत हर किसी को आकर्षित कर रहा था। लोग उनकी फोटो खींच रहे थे, सेल्फी ले रहे थे। मन में इनके नृत्य देखने का उत्साह लिए नगर के स्टेडियम खेल मैदान में सैकड़ों लोग खड़े थे। मौका था नगर में पहले रावत नाच महोत्सव का जिसका आयोजन व्यापारी संघ पामगढ़, ने यादव समाज के सहयोग से किया था। शाम 5 बजे से ही दल गड़वा बाजा और परी के साथ पहुंचने लगे थे। अतिथियों के इंतजार में पहले दल ने रात 8 बजे अपनी प्रस्तुति शुरू की। दर्शक बड़ी संख्या में स्टेडियम खेल मैदान में उपस्थित हो वहुके थे। सूर, तुलसी, कबीर जैसे संत कवियों के दोहों के साथ नर्तक दल स्वरचित दोहों पर नृत्य कर रहे थे।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles