आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा या कोजागरी पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 16 अक्टूबर दिन बुधवार को मनाया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा को देखते हुए इन मंत्रों का जप करने से सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है और माता लक्ष्मी की आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी को मनाने के लिए कौन से मंत्र का जप करना चाहिए…
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
मां लक्ष्मी के मंत्र का जप शरद पूर्णिमा की रात को चांद को देखते हुए जप करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये
इस मंत्र के जप करने से मां लक्ष्मी के साथ साथ कुबेर देवता भी प्रसन्न होते हैं। कुबेर देव के आशीर्वाद से धन धान्य में वृद्धि होती है।
ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा:
मां लक्ष्मी का लक्ष्मी महामंत्र है, इस मंत्र का जप करने से सुख समृद्धि और धन लाभ होता है। साथ ही परिवार के सदस्यों की उन्नति भी होती है।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
यह वैभव लक्ष्मी का मंत्र है, शरद पूर्णिमा की रात चांद की रोशनी में इस मंत्र का 108 बार जप करने से धन, वैभव और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है।
ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:
अगर आपके ऊपर काफी कर्ज है तो शरद पूर्णिमा की रात इन मंत्रों का जप अवश्य करें। इस मंत्र के जप से धन प्राप्ति के मार्ग बनते हैं और कर्ज से मुक्ति मिलती है।
शरद पूर्णिमा की रात रखें खीर
शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की रोशनी में खीर भी रखना चाहिए। इस रात चंद्रमा रातभर चांदनी रात से अमृत वर्षा करता है, जिसकी किरण खीर पर पड़ती हैं। माना जाता है कि इस खीर के खाने से जीवन में आरोग्य की प्राप्ति होती है और यह सभी बीमारियों को खत्म करने की क्षमता है।